|| आज मई आप को बताने वाला हु की अगर आप बाबा खाटू श्याम दर्शन के लिया जा रहे है तो वह के कुछ आस पास घूमने की 8 जगह ||

श्याम कुंड

श्री खाटू श्याम जी का शीश जिस धरा के भाग से अवतरित हुआ था वो श्याम कुंड के नाम से जाना जाता है। और ऐसा माना जाता है की इस कुंड में श्याम भक्त सच्चे मन से एक डुबकी लगा ले तो वो अपनी बुराइयों से दूर और अच्छे शरीर का धनि हो जाता है। इसलिए जब भी आपका खाटूश्याम जी बाबा श्याम के दर्शन करने जाना हो श्याम कुंड में दुबकी जरूर लगाना।

श्री श्याम वाटिका

बाबा खाटू श्याम मंदिर के बाई तरफ ही एक श्याम बगीचा हैं। इस बगीचे के फूले का इस्तेमाल बाबा को श्रंगार करने के लिए किया जाता हैं। शयाम वाटिका में आपको कई प्रकार के पुष्प देखने को मिल जाते हैं। वाटिका में ही आलू सिंह जी प्रतिमा लगी हुई हैं।

 बालाजी महाराज सालासर

बालाजी महाराज और खाटू श्याम बाबा के मंदिर के बीच की दूरी 110 किलो मीटर हैं। बालाजी मन्दिर बाबा हनुमान के भक्तों को एक पवित्र मंदिर हैं। सालासर बालाजी का मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित हैं। यह मंदिर भारत वर्ष में फेमस हैं। चौत्र पूर्णिमा और अश्विन पूर्णिमा के दिन यहां पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं। मंदिर के पास में ही भक्तों के रहने के लिए धर्मशाला और खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट भी बने हुए हैं।

हनुमान मंदिर

राजस्थान में खाटू श्याम मंदिर के आसपास घूमने लायक धार्मिक स्थलों में से एक हनुमान मंदिर है, जो ग्राम नांगल भरडा, तहसील चौमू में सामोद पर्वत पर स्थित है।यह मंदिर खाटू श्याम मंदिर से 56 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है, जिसके गर्भ ग्रह में भगवान हनुमान जी की 6 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है।इस मंदिर को सीताराम जी वीर हनुमान ट्रस्ट, सामोद के द्वारा बनाया गया है। यहां पर भगवान राम का भी एक मंदिर है।

लक्ष्मणगढ़ किला

खाटू श्याम मंदिर के आसपास घूमने लायक स्थलों में से एक लक्ष्मणगढ़ किला है। यह एक ऐतिहासिक इमारत है। इतिहास प्रेमियों के लिए  यह एक लोकप्रिय स्थल है।यह किला सीकर जिले से 30 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्मणगढ़ नामक गांव में बनाया गया है। इस किले का निर्माण 1862 ईस्वी में सीकर के रावराज लक्ष्मण सिंह ने करवाया था और इसके 2 साल के बाद ही उन्होंने लक्ष्मणगढ़ नामक गांव यंहा बसाया था।हालांकि लक्ष्मणगढ़ शहर की यह आकर्षक ऐतिहासिक इमारत एक निजी संपत्ति है। यह किला झुनझुनवाला परिवार की संपत्ति है। इस जिले की वास्तुकला बहुत ही आकर्षक है। किले की संरचना विशाल चट्टानों के बिखरे हुए हिस्सों पर बनी है।

जीण माता मंदिर

जीण माता की सबसे अधिक पूजा राजस्थान राज्य के लोग करते हैं। जीण माता का मंदिर खाटू श्याम बाबा के मंदिर से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।जीण माता को अष्टभुजा वाली माता के नाम से भी जाना जाता हैं। मंदिर के पुजारी और वहां के लोगों का कहना है कि यह मंदिर करीब 1000 वर्ष पुराना हैं।जीण माता मंदिर के विषय में एक ऐतिहासिक कहानी बहुत फेमस हैं। प्राचीन समय में दिल्ली का बादशाह औरंगजेब हुआ करता हैं। औरंगजेब सबसे क्रूर राजाओं में से एक था।पूरे भारत को जीतने के उद्देश्य से उसने हर्ष पर्वत पर आक्रमण कर दिया था। हर्ष पर्वत पर कई मंदिर और गुफा को नष्ट कर दिया था।

गोल्डन वाटर पार्क

अगर आप खाटू श्याम मंदिर का दर्शन करने के लिए अपने बच्चों के साथ आते हैं तो खाटू श्याम मंदिर के आसपास घूमने लायक स्थलों में से एक गोल्डन वाटर पार्क है।यह एक मनोरंजन पार्क है, जो 3 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है। इस गोल्डन वाटर पार्क को बने 6 7 साल हो चुके हैं। गर्मियों के मौसम में यहां पर काफी ज्यादा भीड़ रहती हैं। बच्चों के लिए यह मन पसंदीदा जगह है।वॉटर पार्क का खुलने का समय सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम के 6:30 बजे तक का होता है। यहां पर टिकट शुल्क ₹300 है, वहीं बच्चों के लिए ₹200 है।

गणेश्वर धाम

गणेश्वर धाम में सभी देवी देवताओं की अलग अलग मूर्ति बनी हुई हैं। खाटू श्याम मंदिर से गणेश्वर धाम के बीच की दूरी 75 किलोमीटर हैं। जैसे ही आप गणेश्वर धाम के मुख्य द्वार के अंदर पहुचेगे वैसे ही आपको देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिल जायेंगे।धाम के अंदर एक विशाल कुंड बना हुआ हैं, जहां पर लोग स्नान आदि करते हैं। पहाड़ियों के माध्यम से कुंड में पानी एकत्र होता हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो एक बार इस जल में स्नान कर लेता है, उसको जीवन भर चर्म रोग नहीं होता हैं।