Hanuman garhi Temple Ayodhya – हनुमानगढ़ी अयोध्या के बारे में जाने सब कुछ जाने से पहले पढ़े1

हनुमानगढ़ी अयोध्या

|| Hanuman garhi Temple Ayodhya – हनुमानगढ़ी अयोध्या के बारे में जाने सब कुछ जाने से पहले पढ़े,  अयोध्या जिसे  “रामनगरी” कहा जाता है, जहां पर विशालकाय राम मंदिर बन रहा है, इसके अलावा, एक और मंदिर है जिसे देखने के लिए अवश्यकता है, वहां रामलाला के दर्शन पूरे नहीं होते हैं। अगर आप हनुमानगढ़ी के दर्शन नहीं करें हनुमानगढ़ी में दिव्यता का अनुभव करने के लिए जरूरी है कि आप अपने अंतर्मन को खोलें और भगवान के समीप एकाग्र हों। यहां आप अपनी पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अपने मन की मांग कर सकते हैं और आपका अंतर मन प्रसन्न और ,आपको अद्भुत शक्ति और सुख का अनुभव होगा। मंदिर अयोध्या रेलवे स्टेशन से 1 किमी दूरी पर स्थित है,
और यही वह मंदिर है जिसे भगवान राम ने अपने प्रिय भक्त हनुमान के लिए उनके लंका से वापसी के बाद दिया था।
हनुमानगढ़ी मंदिर, भगवान राम के परम भक्त श्री हनुमान के समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मान्यता है कि अयोध्या में जाने से पहले हनुमागढ़ी में हनुमान जी के दर्शन करना चाहिए। इसका कारण है कि जब भगवान राम ने हनुमान जी को इस मंदिर को सौंपा था, उन्होंने कहा था कि अयोध्या में आने वाले सभी भक्तों को सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन करने की सलाह दी थी। यह सब विवरण हमारे अथर्ववेद में उल्लेखित है।
यह मंदिर अयोध्‍या शहर के बीच स्थित है और भगवन हनुमान जी यहां सदैव मौजूद रहते हैं। हनुमान जी का यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊँचे टीले पर स्थित है।
यदि हम धार्मिक आदर्शों पर चलें, तो इस मंदिर में हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाने से भक्त को सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति प्राप्त होती है। यहां मुख्य मंदिर में बाल हनुमान के साथ अंजनी माता की मूर्ति स्थापित है।
इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि यहां लंका की जीत के बाद लाए गए निशान भी संभाले गए हैं। मंदिर में एक विशेष “हनुमान निशान” है, सर्वप्रथम जो भी भक्त यहां आते है उनके लिए यह जानना अति आवश्यक है कि यहां पर हनुमान जी के निशान की
सब से पहले पूजा की जाती है
और सब से लोकप्रिय बात ये बता दें कि यहां चार मीटर चौड़ा और आठ मीटर लंबा हनुमान निशान ध्वज श्री राम जन्म भूमि में ले जाते हैं और उसकी सब से पहले पूजा की जाती है यह निशान को 200 लोगों की एक टीम साथ में राम जन्मभूमि तक ले जाती है। हम आप को बता दें कि यहां के मंदिर के हर एक दीवारों पर हनुमान चालीसा और उनकी चौपाइयां लिखी हुई मिलेंगी और यहां आने वालों भक्तो को 76 सीढ़िया चढ़ के उनके मनमोहक दर्शन प्राप्त होंगे।

यहाँ पर आपको वह अद्वितीय और पवित्र आत्मा का संवाद होता है, जो अपनी जड़ों में विश्वास और भक्ति की मजबूती से जुड़ा होता है। हनुमानगढ़ी के प्रति विश्वास, उम्मीद और आशा की भावना, आपको उस दिव्य सान्निध्य के साथ जोड़ती है जिसमें आपका मन और आत्मा एक हो जाते हैं।
जब आप वहाँ पर्याप्त होकर खड़े होते हैं, आपका मन उस अद्भुत घटना की याद में खो जाता है जब भगवान राम ने हनुमानजी को अपनी भक्ति और सेवा का आदर्श दिखाया था। उनकी साहसी और उत्साहित भक्ति, उनकी अद्वितीय उपासना, यह सब आपको एक नये संवाद में ले जाते हैं, जिससे आपका मान-आत्मा जागरूक होता है।

Hanuman garhi Temple Ayodhya - हनुमानगढ़ी अयोध्या के बारे में जाने सब कुछ जाने से पहले पढ़े
Hanuman garhi Temple Ayodhya – हनुमानगढ़ी अयोध्या के बारे में जाने सब कुछ जाने से पहले पढ़े

इतिहास

सिराजुद्दौला के समय में हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत गौरी शंकर दास ने बताया है कि इस मंदिर का इतिहास आज से 300 साल पहले तक पहुंचता है। उस समय, नवाब सिराजुद्दौला को एक गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा था। नवाब ने पूजा अर्चना के लिए बाबा अभयारामदासजी जी के पास जाने का निर्णय किया और उनके आशीर्वाद से उनकी सेहत ठीक हो गई। इस चमत्कारिक घटना के बाद, स्वामी अभयारामदासजी के प्रेरणा से, नवाब ने हनुमान गढ़ी मंदिर का निर्माण करवाया।
हनुमानगढ़ी मंदिर का निर्माण विक्रमादिय द्वारा करवाया गया था. मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर है, जो शहर का सबसे ऊंचा स्थान है. मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और यह चारों ओर से दीवारों से घिरा हुआ है. मंदिर में एक विशाल गर्भगृह है, जिसमें भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति विराजमान है. मूर्ति सोने और चांदी से जड़ी हुई है और यह बहुत ही सुंदर है.
हनुमानगढ़ी मंदिर हिंदुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. मंदिर को हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और भगवान हनुमान के दर्शन करते हैं. मंदिर में हर दिन सुबह और शाम आरती होती है और श्रद्धालु आरती में शामिल होते हैं. मंदिर में एक पुस्तकालय भी है, जिसमें हिंदू धर्म के बारे में कई पुस्तकें हैं.

हनुमानगढ़ी अयोध्या
                                       हनुमानगढ़ी अयोध्या

धार्मिक महत्व और उत्सव

आध्यात्मिक पवित्रता:

हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्वपूर्ण प्रतीकों में से एक है। यहाँ की आध्यात्मिक वातावरण में श्रद्धालु आत्मा की शांति और सुकून की प्राप्ति करते हैं।

आयोध्या का महत्व:

आयोध्या, जो भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में प्रसिद्ध है, हनुमानगढ़ी मंदिर के स्थान के रूप में भी महत्वपूर्ण है। यहाँ पर हनुमानजी की पूजा और आराधना भक्तों के लिए आवश्यक है और इससे आयोध्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

भक्ति और सेवा:

हनुमानगढ़ी मंदिर एक स्थान है जहाँ श्रद्धालु भगवान हनुमान की भक्ति करते हैं और उनकी सेवा करते हैं। यहाँ पर आने वाले भक्त आराधना, पूजा, आरती आदि के माध्यम से भगवान के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण व्यक्त करते हैं।

महोत्सव और उत्सव:

हनुमानगढ़ी मंदिर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव आयोजित होते हैं। हनुमान जयंती, रामनवमी आदि पर यहाँ विशेष पूजा और महोत्सव मनाए जाते हैं जिनमें भगवान हनुमान के भक्त भाग लेते हैं और उनकी कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

आध्यात्मिक पर्यटन:

हनुमानगढ़ी मंदिर आयोध्या के आध्यात्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ पर आने वाले पर्यटक भक्ति और आध्यात्मिकता का आनंद लेते हैं और अपने मानसिक और आत्मिक शांति के लिए यहाँ के माहौल का आनंद उठाते हैं।

सांस्कृतिक समृद्धि:

हनुमानगढ़ी मंदिर के महोत्सव और उत्सव स्थानीय और बाहरी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जिससे स्थानीय सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित किया जाता है।
* हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है.
* मंदिर को हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं.
* मंदिर में हर दिन सुबह और शाम आरती होती है.
* मंदिर में एक पुस्तकालय भी है, जिसमें हिंदू धर्म के बारे में कई पुस्तकें हैं.
* मंदिर एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है.
* यह मंदिर अयोध्या के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है और यह शहर के लिए एक गौरव है.

अयोध्या के राजा के रूप में विराजमान हैं हनुमान 

अयोध्या में हनुमानगढ़ी से करोड़ों व्यक्तियों की आस्था जुड़ी हुई है। हनुमानगढ़ी, जो रामलला के प्रवेश द्वार पर ही स्थित नहीं है, बल्कि पूरी अयोध्या की रक्षा के लिए भी संकल्पित है। ऐसा माना जाता है कि इसी कारण से हाल के दिनों में अयोध्या पर कई आतंकी हमले नाकाम रहे हैं।

यहां पर हनुमान जी राजा के रूप में विराजमान हैं और धार्मिक मान्यता यह कहती है कि भगवान राम ने जब गुप्तार घाट के माध्यम से अयोध्या की यात्रा की, तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को हनुमान जी के देखभाल में सौंप दिया था। इस प्रकार, अयोध्या की सुरक्षा हनुमान जी के हाथों में आती है।

कथाएं प्रचलित

हनुमानगढ़ी मंदिर के बारे में कई प्रचलित कथाएं प्रसिद्ध हैं। यहां विभिन्न कथाओं में से कुछ मुख्य कथाएं हैं:
2. हनुमानगढ़ी और लंका की लड़ाई: इस कथा के अनुसार, हनुमानगढ़ी नामक स्थान लंका के नजदीक स्थित था। हनुमानजी ने भगवान राम के लिए सीता माता की खोज के दौरान लंका को जलाया था और उसके बाद हनुमानगढ़ी का निर्माण हुआ। इसलिए यह स्थान महत्वपूर्ण है और हनुमान के पराक्रम को स्मरण कराता है।
3. हनुमानगढ़ी में लाल चोला चढ़ाने का महत्व: एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब हनुमानजी रामभक्ति में अभिनय कर रहे थे, तो उन्होंने एक दिन एक लाल रंग का चोला पहना और इसे प्रिय भक्त को समर्पित किया। यह चोला आज भी हनुमानगढ़ी में पूजा के समय भक्तों द्वारा चढ़ाया जाता है और इसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
4. हनुमानगढ़ी का महत्व रामायण में: रामायण के अनुसार, जब भगवान राम और उनकी सेना ने लंका पर हमला किया था, तो हनुमानजी ने अपनी भक्ति और पराक्रम के माध्यम से बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए हनुमानगढ़ी में हनुमानजी की पूजा करने से रामायण की यह घटना याद आती है और भक्तों को उनकी शक्ति और वीरता का आदर्श मिलता है।

 

पर्यटन और पिलग्रिमेज

आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र:

हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या धार्मिक पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ के शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण में पर्यटक आत्मा की शांति और सुकून का आनंद लेते हैं।

धार्मिक पिलग्रिमेज:

हनुमानगढ़ी मंदिर को भारतीय धर्म में एक महत्वपूर्ण पिलग्रिमेज स्थल माना जाता है। भक्तजन यहाँ आकर भगवान हनुमान की पूजा और आराधना करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए यहाँ आते हैं।

धार्मिक यात्राएँ:

हनुमानगढ़ी मंदिर का भक्तों के बीच में महत्वपूर्ण स्थान होने के कारण यहाँ से धार्मिक यात्राएँ भी आयोजित की जाती हैं। धार्मिक स्थलों की यात्रा में हनुमानगढ़ी मंदिर की सहायता पर्याप्त मात्रा में श्रद्धालुओं को प्राप्त होती है।

रामायण संबंधित स्थलों का दौरा:

हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या के पास स्थित होने के कारण यहाँ से रामायण संबंधित महत्वपूर्ण स्थलों का दौरा करने में भी आसानी होती है।

स्थानीय बाजार और आस-पास की आकर्षणे:

हनुमानगढ़ी मंदिर के आस-पास स्थित स्थानीय बाजार और आकर्षणों का भी पर्यटकों के लिए आकर्षण होता है। यहाँ पर्यटक धार्मिक आस्था के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और विरासत को भी जान सकते हैं।

पर्यटन की आयोजना:

हनुमानगढ़ी मंदिर के पास सुविधाजनक आकर्षणों की आयोजना करने से पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। धार्मिक पर्यटकों के लिए सुविधाएँ उपलब्ध कराने से यह स्थल और भी प्रासंगिक हो सकता है।

 

दर्शन करने का समय और उत्सव

यह मंदिर सुबह 4:00 बजे खुलता है और रात 10:00 बजे तक खुला रहता है, इसका मतलब है कि आप 4:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक कभी भी मंदिर जा सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर में दर्शन के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, आप बिना किसी खर्च के हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं। हनुमानगढ़ी मंदिर में हर साल हनुमान जयंती और हनुमान जयंती के दिन विशेष आराधना उत्सवों का आयोजन किया जाता है। भगवान हनुमान के भक्त इन त्योहारों पर भारी संख्या में मंदिर में आते हैं।

कैसे पहुंचें:

वायु मार्ग

लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है जो अयोध्या से 152 किलोमीटर दूर है। अयोध्या, गोरखपुर हवाई अड्डे से लगभग 158 किलोमीटर, प्रयागराज हवाई अड्डे से 172 किलोमीटर और वाराणसी हवाई अड्डे से 224 किलोमीटर दूर है।

ट्रेन के द्वारा

फैजाबाद व अयोध्या जिले के प्रमुख रेलवे स्टेशन लगभग सभी प्रमुख महानगरों एवं नगरों से भलि-भांति जुड़े हैं। फैजाबाद रेल मार्ग द्वारा लखनऊ से 128 कि.मी., गोरखपुर से 171 कि.मी., प्रयागराज से 157 कि.मी. एवं वाराणासी से 196 कि.मी. है। अयोध्या रेल मार्ग द्वारा लखनऊ से 135 कि.मी., गोरखपुर से 164 कि.मी., प्रयागराज से 164 कि.मी. एवं वाराणासी से 189 कि.मी. है।

सड़क के द्वारा

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सेवा 24 घंटे उपलब्ध हैं, और सभी छोटे बड़े स्थान से यहां पहुंचना बहुत आसान है। फैजाबाद बस मार्ग द्वारा लखनऊ से 152 कि.मी., गोरखपुर से 158 कि.मी., इलाहाबाद से 172 कि.मी. एवं वाराणासी से 224 कि.मी. है। अयोध्या बस मार्ग द्वारा लखनऊ से 172 कि.मी., गोरखपुर से 138 कि.मी., प्रयागराज से 192 कि.मी. एवं वाराणासी से 244 कि.मी. है।

समापन

हनुमानगढ़ी के प्रति आपकी आत्मा में एक अद्वितीय संवाद होता है, जो आपको आपके आदर्शों, विश्वास और भक्ति के प्रति जोड़ता है। यह स्थल आपको न केवल धार्मिकता की महत्वपूर्णता समझाता है, बल्कि आपके अंतर्निहित भावनाओं को भी प्रेरित करता है जो आपके जीवन में दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आपकी यात्रा के समापन पर, जब आप हनुमानगढ़ी से घर वापस लौटते हैं, आपके दिल में एक अद्वितीय शांति और सुख की भावना होती है। आपने वहाँ उस दिव्यता को महसूस किया है जिसमें आपकी आत्मा और भगवान की आत्मा एक हो जाती हैं। हनुमानगढ़ी की यह यात्रा आपके जीवन में सदैव एक स्पेशल स्थान रखेगी, जो आपको आत्मा की गहराइयों में ले जाने का मौका देगी।

 

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