उत्तर प्रदेश की राजधानी, लुखनऊ , प्राचीन शहरों में से एक है। तो आइये जानते हैं लखनऊ के 10 मंदिरों के बारे में जिनके दर्शन करने से खुल जाती है किस्‍मत

1.) श्री वेंकटेश्वर मंदिर

भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर बहुत प्राचीन और विशाल है। इसका आकार लगभग 27000 वर्ग फीट है। इस पवित्र स्थान में भगवान विष्णु के साथ-साथ नौ ग्रहों की मूर्तियां भी स्थपित करी गई हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है

2.) चन्द्रिका देवी मंदिर

चंद्रिका देवी मंदिर, जो गोमती नदी के किनारे स्थित है, अपने शांत और प्रसिद्ध स्थान के लिए प्रसिद्ध है भगवान राम के भाई लक्ष्मण के पुत्र राजकुमार चंद्रकेतु ने की थी और उन्होंने मां पार्वती के सम्मान में इसे बनवाया था।

3.) अलीगंज हनुमान मंदिर

19वीं शताब्दी की प्रारंभिक दशकों में, नवाब शुजाउद्दौला की पत्नी और नवाब वाजिद अली शाह की दादी तथा दिल्ली के मुगलिया खानदान की बेटी आलिया बेगम ने अलीगंज मोहल्ले की स्थापना की थी

4.) मनकामेश्वर मंदिर

यहां की विशेषता यह है कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना की देखरेख महिला पुजारियों के द्वारा की जाती है। ये साहसिक महिलाएं भक्तों का सत्कार करती हैं और धार्मिक कार्यों को संभालती हैं। मनकामेश्वर मंदिर के आकर्षक स्थानीय महात्म्य के कारण लोग यहां श्रद्धा भाव से आते हैं और अपने मन की अभिलाषाओं को पूरा करने की कामना करते हैं।

5.) हनुमान सेतु मंदिर

मंदिर में जाने की संभावना ना होने पर भक्त अपनी मनोकामनाएं पत्र भेजकर पूरी कर सकते हैं। शायद आप इससे हैरान हों, लेकिन यह सत्य है। हनुमान सेतु मंदिर में हजारों पत्र आते हैं जो हनुमान जी के दर्शन के बाद भूमि को भेज दिए जाते हैं।मंदिर परिसर में हनुमान जी की प्रतिमाएं अपने साथ ही अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भक्तों को आकर्षित करती हैं।

6.) शीतला देवी मंदिर

इस भव्य देवी मंदिर को कई बार अवैध उभयानवाओं ने हानि पहुंचाई थी, जिससे यह नष्ट हो गया था। इसके बाद एक प्रतिष्ठित बुज़ुर्ग ने मंदिर के प्रांगण में देवी की शीतल मूर्ति को पुनः स्थापित करवाया और सुरक्षा की व्यवस्था को मजबूत बनाया।शीतला देवी मंदिर के पास एक खूबसूरत तालाब है, जिसे टिकैत राय का तालाब के नाम से जाना जाता है।

7.) भूतनाथ मंदिर

महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर हजारों भक्त यहां आकर भगवान शिव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उसी दिन, स्थानीय लोग त्योहार को भक्ति और उत्साह के साथ मनाने के लिए एक बड़ा उत्सव आयोजित करते हैं। 

8.) राम कृष्णा मठ

इस अद्भुत स्थल की खासियत यहां की शांतिपूर्ण वातावरण है, जिसमें कोई भी घंटों ध्यान कर सकता है। यहां पर शाम की प्रार्थना करने का समय विशेष माना जाता है। इसके अलावा, श्री रामकृष्ण मठ की इमारत की वास्तुकला भी बहुत आकर्षक है, जो लोगों को आकर्षित करती है।

9.) बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर

कहते हैं कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के दौरान इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा करने आए थे। जिस दिन उन्होंने भगवान को श्रद्धांजलि दी थी, वह बुधवार था, और इसलिए, यह मंदिर आज बुधेश्वर महादेव मंदिर के नाम से मशहूर है

10.) कोनेश्वर मंदिर

अनुमान है कि मंदिर की मूर्ति को उस स्थान पर रखने की कोशिश की गई जहां स्थानीय लोग और पुजारी आसानी से पहुंच सकते थे। लेकिन प्रत्येक बार मूर्ति को सही स्थान पर रखने के बाद भी, वह अपने मूल स्थान पर वापस चली जाती थी। कुछ प्रयासों के बाद निर्णय लिया गया कि मंदिर को उसी स्थान पर बनाना होगा, और इसलिए इसका नाम कोनेश्वर रखा गया।